मुँडेरवा कागा काहे बोले
काजानी के आवै वाला तनिको मरम न खोलै
मुँडेरवा कागा काहे बोले
करकस बोलिया अस मने भावै
जानी कवन रस घोलै
मुँडेरवा कागा काहे बोले
हनि-हनि ओरहन मारै सधिया
तिरिन-तिरिन तन तोलै
मुँडेरवा कागा काहे बोले
पुलकै पलक नयनवाँ फरकै
कउनो सुख अनमोलै
मुँडेरवा कागा काहे बोले